[vc_row][vc_column][vc_single_image image=”1081″ img_size=”full” alignment=”center” css_animation=”bottom-to-top”][vc_custom_heading text=”कार्य विधि ” use_theme_fonts=”yes” el_class=”shead”][vc_column_text]डायबिटीज़ के इलाज के लिए विभिन्न बैरियाट्रिक प्रक्रियाएँ हैं- गैस्ट्रिक बाईपास, मिनी गैस्ट्रिक बाईपास या इलियल इंटरपोजिशन। अलग-अलग व्यक्ति के लिए अलग-अलग प्रक्रिया चुनी जाती है। यह प्रक्रियाएँ खाने की क्षमता को कम करने, आंत के हिस्से को बाईपास करने और डायबिटीज़ के उपचार के लिए सबसे बेहतर हैं। सर्जरी के दौरान जीएलपी-1 नामक हार्मोन भारी मात्रा में निकलता है, जो डायबिटीज़ के इंसुलिन प्रतिरोध की गिनती करता है।[/vc_column_text][vc_custom_heading text=”किसके लिए है यह डायबिटीज़ सर्जरी ” use_theme_fonts=”yes” el_class=”shead”][vc_column_text]अंतरराष्ट्रीय दिशानिर्देशों के अनुसार, वे सभी लोग, जो सभी चिकित्सा उपायों के बावजूद भी अपनी अनियंत्रित डायबिटीज़ पर काबू नहीं कर पाए हैं या जिनका बीएमआई 28 से अधिक है, वे इस उपचार को करा सकते हैं। ग्रेट पैंक्रीआटिक रिजर्व वाले मरीज़ों को इस सर्जरी का सबसे अधिक फायदा होता है।[/vc_column_text][/vc_column][/vc_row]